जायज़ नहीं ये इसारे जो नाजायज़ करते हो । उर्दू की बेहतरीन ग़ज़लें ! Best urdu ghazal shayari in hindi

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जायज नहीं है ये , इसारे जो नाजायज करते रहते  हो !

खुद को मौन कहकर , शौर जो मचाते रहते हो !


रुलाता बहुत है मंजर ये ,जिसमें तुम हँसते रहते हो !! 

कर के अपनों से गीले-सिखवे, गीत अब गेरो के गाते  रहते हो !! 


कुछ नहीं रखा इन गलियों में ,सच क्यों नहीं बताते हो !! राते गुजरी है मेरी  वहां ,जहां तुम दिन बिताते रहते हो !


पता है सब कुछ , सच को क्यों झूठ बनाते  रहते  हो ! कई दाग लगे है उस पे, जो सेज तुम बे-दाग बताते रहते हो !!


जो अपना नहीं , फिर क्यों अपना हक जताते रहते हो !

भुला देना ठीक है उन लम्हो को , जो फालतू में किस्से सुनाते रहते हो !!


 फिर क्यों खुद को इतना बड़ा लिखारी बताते रहते हो !

पता है , हर शेर खुद की कलम से चुराते रहते हो !

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𝐤𝐡𝐮𝐝𝐤𝐢𝐤𝐚𝐥𝐚𝐦_





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