बहुत कुछ लगाना पड़ता है - आग लगाने वाली शायरी - Aag Lagane Wali Urdu Gazal shayari | emotional ghazal in hindi
बहुत कुछ लगाना पड़ता है ,एक आशिया बनाने में !
बहुत कुछ लगाना पड़ता है ,एक आशिया बनाने में !
लोग एक पल भी नहीं लगाते आग लगाने में !!
कैसे देखता सपने ,कभी सोया ना गहरी निंदो में !
मैने जग-जग कर गुजारी थी राते उसे सुलाने में !!
कैसे बताऊ की किन किन इम्तिहानो से गुजर कर आया हूँ !
मेरे प्यार को आजमाया था सिर्फ प्यार को भुलाने में !!
इतना मुश्किल नहीं था मेरे लिए मंजिल को पा लेना !
कमबख्त मेरे अपनों ने कसर नहीं छोड़ी मुझे गिराने में !!
मत बदलो रुख यूँ , की कोई जलता द्वीप बुझ जाये !
मुद्द्ते लग जाती है एक चिराग जलाने में !!
कहाँ है मुहब्त की स्याही इतनी गहरी, की सब्दो को उकेर सकूँ !
थोड़ा दर्द भी तो चाहिए कलम को चलाने में !!
@ khudkikalam
👏👏
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