Namashkar dosto aaj ham aap ko share karna chahate new gazal in urdu , daradh bhari gazal , sher , shayari
सब कुछ अपनाया था मैंने कुछ भी नकारा नहीं ।
मुझे छोड़ा उस दरमियान जहाँ दूर तक कोई किनारा नही ।
ग़मगीन तब से खुद का चेहरा तक सँवारा नहीं ।।
लेकिन समझ ना सकु खुद के लफ्ज़ इतना भी गंवारा नही ।।
कमबख्त़ दूर तलक निकल गई वो एक-बार भी पुकारा नही ।।
खुद की कलम ने आज वो सब उतारा नहीं।।
@khudkikalam_
Best urdu gajal, darad bhari gazal , gam bhari gazal, hindi and urdu gazal much more