रास्ता कोई नया अपनाना होगा।
छोड़कर मोमबत्तियां, दरिंदों को जलाना होगा ||
हर मरतबा नहीं मिलती ये जिंदगीयां ।
इन सोई हुई सरकारों को जगाना होगा ||
क़ानून तो सारे बे-असर लग रहें हैं।
फैसला अब अपने स्तर पर, सुनना होगा ।।
ओर कहीं ना दोराही जाये हरकतें ऐसी ।
सबक कोई इस तरह, का सीखाना होगा ।।
यूँ चुप रहकर कुछ नहीं होगा मुकेश ।
बग़ावत करनी है तो, क़लम को उठाना होगा !!
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