भगवन परशुराम के बारे में सम्प्पूर्ण जानकारी !
भगवान
परशुराम हिंदू धर्म के दशावतारों
में से एक हैं।
उनका जन्म महर्षि जमदग्नि
और ऋषि रेणुका के
घर में हुआ था।
परशुराम एक क्षत्रिय थे
और वे अपने तेज
और शक्ति के कारण बहुत
प्रसिद्ध थे। परशुराम ब्राह्मण
जाती के आराध्य माने जाते
है ,भगवन परशुराम को
ब्राह्मण कुल के लोग
दादा नाम से सम्बोधित
करते है !
परशुराम के जीवन
के बारे में कई कहानियां हैं। कुछ महत्वपूर्ण कहानियां निम्नलिखित हैं:
- परशुराम ने अपनी माता की इच्छा को पूरा करने के लिए 21 बार क्षत्रियों को मार डाला था। इसीलिए वे "क्षत्रिय-हन्तक" भी कहलाते हैं।
- परशुराम ने महर्षि गौतम के स्वयंवर में भी हिस्सा लिया था। वह दुर्योधन की सेना के खिलाफ लड़ा था और महाभारत युद्ध में कृष्ण और अर्जुन को धनुर्विद्या सिखाई थी।
- एक दिन, परशुराम ने धरती में अपने आवास पर स्वर्ग उतार दिया और उन्होंने तब से संन्यास ले लिया।
- परशुराम
ने अपने पिता की हत्या के बाद काफी दुखी थे। वे महाभारत काल में जन्मे थे, इसलिए वे रामायण और महाभारत की दोनों कहानियों में नजर आये ! परशुराम सीता सावयव में अपना क्रोध दिखा चुके
थे , राम द्वारा इन्दर धनुष तोड़ने पर
क्रोधित परशुराम धरती की पलटने पर आगये थे
भगवन परशुराम के अस्त्र और शास्त्र के बारे में !
परशुराम को अस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता मन जाता है , परशुराम का शस्त्र फर्शा था जो हमेसा वो अपने पास रखते थे , फर्शे से कई युद्ध लाडे थे परशुराम ने , फर्श कुल्हाड़ी के आकर का एक औजार होता है , जो हाथ से चलाया जाता है !
भगवान परशुराम के अनुयायी या उन्हें मानने वाले ब्राह्मण कुल के भक्त फ़र्शे की पूजा करते है !
भगवान परशुराम की जयंती
कब मनाई जाती है !
भगवान
परशुराम की जयंती हिंदू
कैलेंडर के अनुसार वैशाख
मास के शुक्ल तृतीया
तिथि को मनाई जाती
है। यह तिथि अप्रैल
और मई के मध्य
की तारीखों के बीच में
पड़ती है। इस दिन
भगवान परशुराम के पूजन और
व्रत किए जाते हैं
और उन्हें उपासना का विषय बनाया
जाता है। इस वर्ष
परशुराम जयंती 22 April 2023 के
दिन मनाई जा रही
है !