EK Mulakat Jaruri THi Best Urdu Gajal , एक मुलाकात जरुरी थी बेहतरीन उर्दू गजल
एक मुलाकात जरूरी थी
एक मुलाकात हर-हाल तुझसे जरूरी थी ।
वर्षो की बे-हाल तमना करनी जो पूरी थी ।।
पूरे हुए अरमां मुक्कमल कुछ ख्वाईशें हुई ।
हुआ गुमां खुद पर की पसंद ना बुरी थी ।।
इत्लाफ़ न था गर निकल जाता वक्त तेरे लिए ।
समय पर ना मिल सके कम्बख्त ये जो मजबूरी थी ।।
आदाब से था रूबरू ना थी आजमाईश कोई ।
सुनने थे किस्से तेरे कुछ कहानियां जो अधूरी थी ।।
थी शिकन माथे पर तेरे चिंतन जो अपने-पन का ।
चाहत थी जब बे-इंतहा फिर क्यो इतनी दूरी थी ।।
© खुद की कलम - तेरा लेखक