मुझे तुझ से मिलना है- मिलन पर हिंदी कविता | Mujhe Tujh Se Milna Hai Best Hindi Kavita

 तुम्हारा प्रेम मिलन , मुझे तुझ से मिलना है हिंदी कविता | Pehla Parem Milan Par Kavita Shayari In Hindi 


Namsakr ham lekar aaye hai , Milan par shayari hindi me- Do dilo ka milna , pehli bar me milna , aakhir milan | प्यार में मिलान , पहला मिलान शायरी कविता , तेरा मेरा मिलान शायरी ,दो दिलो का मिलान , आखरी मिलान ! 




            " तुझ से मिलना है "


    अभी तो बड़ी दूर तलक चलना है । 

    मुझे एक बार तुझ से मिलना है ।।


    कहीं मुरझाया सा पड़ा हूँ मुद्दतो से ।

    आकर छांव में तेरी अब खिलना है ।।


   और ठंडा पड़ गया है,ये देह मेरा ।

   तेरे तेज से मुझे अब जलना है ।।


   आवारा सा फिरता रहता हूं जहां में ।

   अब आकर आघोस में तेरे पलना है ।।


   कर दिया ये जो अर्पण जीवन सारा

   फिर क्यों इरादा ये अब बदलना है ।


    जब जान लिया की मंजिल को जाना है  । 

    फिर क्यों अब रास्ते से कहीं टलना है ।।


    क्यों बनना पत्थर जैसा कठोर इतना ।

    जब अंत इस मिट्टी में ही गलना है ।। 


    चुन लिया जब रस्ता एक कोई ।

    फिर कही और क्यों मचलना है ।।   



     © खुद की कलम - तेरा लेखक 


Post a Comment

अपनी टिप्पणी यहां दर्ज करे ! धन्यवाद सौजन्य से - खुद की कलम

Previous Post Next Post