" किसी को ये पसंद नहीं " - Kisi Ko Ye Pasand Nahi :
पूरी गजल निचे पढ़िए -
किसी को मेरे हालात पसंद नहीं,
किसी को ये मेरे ख्यालात पसंद नहीं ।।
कोई तरसता है मिलने को मुझ से ,
किसी को ये मेरी मुलाकात पसंद नहीं ।।
कोई करता है जतन की हो ओहदा मुझ जैसा,
किसी को ये मेरी ओकात पसंद नहीं ।।
कोई सुनना चाहता है चीत लगाकर मुझे ,
किसी को मेरे ये जज्बात पसंद नहीं।।
लिख दी पूरी कहानी किसी के नाम मेने ,
किसी को वो मेरी लिखी किताब पसंद नहीं ।।
कलम से उकेर दिए चेहरे मेने किसी के ,
किसी को मेरी ये सौगात पसंद नहीं ।।
( मुकेश पारीक )