मौत एक ऐसा शब्द है इन सुनकर हर कोई एक मिंट के लिए में हो जाता है , किसी चाहते की मौत होने पर इंसान अपने सब्दो से कुछ बयान नहीं कर पता हैम बोलने की हिमत नहीं जुटा पता है , अक्सर लोगो को देखा है अपनों की मौत पर सतब्ध होते हुए , मन के भाव बहुत कुछ कहना कहते है लेकिन कह नहीं पाते है , आज हम इसी में को आवाज देने के लिए लेकर आये है मौत पर शायरी हिंदी में (Mout Shayari in Hindi) हमारी इन Death Shayari in Hindi ( डेथ शायरी हिंदी ) को आप पढ़कर अपने भावना अनुकूल मौत की शायरी को किसी अपने को भेज सकते है या मृत्यु पर शायरी को अपने वाट्सअप पर स्टेटस लगा सकते है |
अचानक मौत होना आज आम बात होगी है हम अपने इर्द गिर्द देखते है अपनों की अचानक से मोत हो जाती है लेकिन हम कुछ कह नहीं पते है इस लिए हमने लिखी है अचानक मौत पर शायरी हिंदी भाषा में जिसे आप भेजकर किसी को घटना के बारे में बता सकते है , इंसान अपने दोस्त की मोत से बड़ा आहत होता है , वो हर रोज अपने दोस्त को यद् करता है दोस्त की याद में शायरी ढूंढता रहता है , लेकिन अब नहीं खोजना पड़ेगा आपको हम लेकर आये है दोस्त की मौत पर शायरी ( Dost Death Shayari ) जिन्हे आप अलविदा कहना चाहिए तो अलविदा मौत शायरी के माध्यम से बोल सकते है |
जिन्दी और मोत के बिच के समय के लिए जिंदगी और मौत पर शायरी पढ़े और अहसास करे अंतिम क्षणों को यादगार बनाते हुए Sad मौत शायरी का सहारा ले |
Death Shayari in Hindi : मौत शायरी हिंदी में
Mout Shayari in Hindi : अचानक मौत पर शायरी
Alvida Mout Shayari : अलविदा मौत शायरी दो लाइन
Friend Death Shayari : दोस्त की मौत पर शायरी
Jindagi Or Mout Shayari : जिंदगी और मौत पर शायरी
Maut shayari on life : जीवन पर मौत शायरी
कश्ती अरमानों की बह गई है.
हम तड़प रहे हैं इश्क़ करके,
सपनों की बस्ती ढह गई है।
सोते हैं वीरानों के आँगन,
लग गमों की तह गई है।
गरूर था कभी चाहत पर,
वहम की पट्टी लह गई है।
दूर ही रहो दिल की बात से,
दिल की धड़कन कह गई है।
फिर ना करेंगे मोहब्ब्त अमन,
इस बार तो जिंदगी सह गई है।
sad मौत शायरी
तन्हा रातों में खुदको ही तो जलाया जाता है.
जब मिलते हैं गम ही गम चाहत के आँगन में,
तो आँगन में ही तो हर ख़्वाब दफनाया जाता है।
करती नही रहम कुदरत मासूम हो या शैतान,
वक़्त के हुक्म का मातम ही तो मनाया जाता है।
कहीं भी दफन करलो जिंदगी की खुशियों को,
ऊपर पट्टा तो बाकी याद का ही लगाया जाता है।
दूसरों को कितना भी कसूर देदो बर्बादियों का,
अक्सर अपने हाथ से ही वजूद मिटाया जाता है।
यूँ नही खिलते किसी भी गुलशन में फूल अमन,
जमीं की छाती पे ही तो औजार चलाया जाता है।