बिंदी पर गजल उर्दू : बिंदी शायरी हिंदी
* ये बिंदी तेरी *
सुहागिन का श्रृंगार है ये बिंदी तेरी ,
हुस्न का सारा है ये बिंदी तेरी ।।
वैसे तो चिपकी रहती है ललाट पर तेरे ।
देखते है कितनी वफादार है ये बिंदी तेरी ।।
लगी है लंबी कतार इन चाहने वालों की ।
हकीकत किसकी तलबगार है ये बिंदी तेरी ।।
मिट ना जाए माथे से परछाईं तक इसकी ।
किसी का तो संसार है ये बिंदी तेरी ।।
गफलत में है सांसे इस चाहने वाले की ।।
गर कुछ हुआ तो जवाबदार है ये बिंदी तेरी ।।
सिवा तन्हाई के नही है मलहम कोई ।
करती कितनो को बीमार है ये बिंदी तेरी ।।
@khudkikalam_
Ye Bindi Teri : Bindi Gazal Shayari Urdu
"Ye Bindi Teri"
Swagin Ka Shringar Hai Ye Bindi Teri ,
Husn Ka Sar Hai Ye Ye Bindi Teri ||
Waise To Chipki Rahti Hai Lalat Par Tere,
Dekhte hai Kitni Wafadar Hai YE Bindi Teri ||
Lagi Hai Lambi Katar En CHahne Walon Par ,
Haqkat Kiski Talabgar Hai Ye Bindi Teri ||
Mit Na Jaye Mathe Se Parchhai Es Ki ,
Kisi Ka To Sansar Hai Ye Bundi Teri ||
Gafalat Me Hai Sanse Es Chahne Wale Ki ,
Agar Kuchh Huaa To Jawabdar Hai Ye Bindi Teri ||
Sivay Tanhai Ke Nahi Hai Malham Koi ,
Karti Kitno Ko Bimar Hai Ye Bindi Teri ||
“Khudkikalam”