नमस्कार स्वागत है आपका हमारे इस आंतकवाद शायरी के हिंदी पेज पर , आज हम इस आर्टिकल में लेकर आये है , आंतकवाद पर शायरी हिंदी भाषा में , (aatankwadi shayari) दुनिया भर में आंतकवाद एक बड़ी समस्या बना हुआ है , और विश्व के अदिकांश देश इस समस्या से जूझ रहे है , भारत भी इस समस्या की कतार में आगे है , भारत में आये दिन आतंकी हमले होते रहते है , और भर इस मुद्दे को विश्व सत्र पर उठता भी है , भारत में मुख्य पाकिस्तान सिमा से आने वाले आंतकी और आंतकवादी गतिविधियों के चलते कश्मीर में आंतकी हमले जायद होते है ,
आंतकी हमलो पर विचार और इसे मिटने की आवाज उठाना
आज हम इस पेज में अपनी कलम में माध्यम से आंकवाद को ख़त्म करने का आह्वान करते है कश्मीर आंतकवाद पर शायरी , भारत में आंतकवाद के खिलाफ दो लाइन शायरी के माध्यम से इस का बहिस्कार करते है और आंकवाद को विश्व से जड़ से ख़त्म करने की अपील करते है , हम इस आंतकवाद के खिलाफ हिंदी शायरी के पेज में लेकर आये है , आतंकी हमलो पर शायरी , आंकवाद शायरी , दहशतगर्दी पर शायरी , और Aatankwad shayari in hindi urdu भाषा में , देह्सतगर्दी को जड़ से ख़त्म करने का सभी भारत वासियो को आह्वान करना चाइये और आंकवाद के खिलाफ अपना सहयोग करना चाहिए , छाए वो किसी माध्यम से हो जैसे - तन ,मन ,धन हो या फिर अस्तर -शास्त्र या कलम के माध्यम से सभी नागरिको को सहयोग करना चाइये
Aatankwadi Shayari - आंकवाद पर शायरी
ख़ौफ़ की चादर ओढ़े फिरता है साया,
हर कोना लगता है मुझको पराया,
जो इंसानियत का करे कत्ल सरेआम ,
वो क्या जाने मज़हब का गुमान ||
जिसने मासूमों का लहू बहाया,
किस खुदा से मिलेगा उसे साया?
नफ़रत की खेती जो बोई उसने,
वो काटेगा बस दर्द का साया ||
बम से ना होगा कोई हल यहाँ,
ना गोलियों से मिलेगा कल यहाँ,
मोहब्बत से जीते हैं दिल सदा,
ना फैलाओ नाफ़ात का जहर यहाँ ||
Aatankwad shayari in hindi urdu - आंकवाद शायरी हिंदी , उर्दू
वो जो बच्चा स्कूल को जाता था,
अब डर के साये में आता था,
जिन्होंने बारूदों से खेला,
वो क्या जाने दिल किसे भाता था |
दहशत से कांपें ये गलियाँ सारी,
आँखों में आँशु होंठों पे थमी ख़ुशियाँ सारी,
जो लाया नफ़रत की सौगातें,
उससे छीन ली ख़ुशी जन्नत की सारी ||
ना मज़हब है, ना खुदा उसमें,
जो बंदूक लिए फिरता है हर दम,
सच्चा धर्म नहीं सिखाता,
की किसी मासूम का लेना है दम ||
दहशतगर्दी पर शायरी - Deshatgard Shayari
दहशत के परचम को जलाओ अब,
नफ़रत की हर लौ बुझाओ अब,
जो- जो अमन के दुश्मन हैं ज़मीं पे,
उनसे इंसानियत को बचाओ अब ||
जिसने बिछाई है लाशों की बस्ती,
वो भूल गया है मोहब्बत की हस्ती,
दहशत का जो ताज पहन बैठा,
वो खो चुका है दिलों की बस्ती ||
हर दिल में जलती है उम्मीद की रोशनी,
दहशत मिटे, लौटे सुकून की बारिशें,
हाथों में फूल हो, ना हों बारूद,
इसी दुआ में बसी हैं सारी ख्वाहिशें।
भारत में अँकवादी हमला शायरी - Atankwadi Attackशायरी
वो जो लहू बहा हमारी ज़मीं पर,
उसका हिसाब है हवाओं में,
भारत का दिल नहीं डरता,
हर वार का जवाब है दुआओं में ||
हिंदुस्तान को झुकाने की भूल ना करना,
ये वतन है, इसे मामूली ना समझना,
हमले बहुत सहे हैं इस धरती ने,
पर हर बार उठे हैं, गिर कर ना रुकना ||
तिरंगे की शान पर जो नज़र डाले,
उसे इतिहास से मिटा दिया जाए,
भारत पर जो आँख उठाए,
उसे हर हाल में जला दिया जाए ||
काशिमर आंकवादियो पर शायरी - Kashmir Aantkvad Shayari
कश्मीर की वादियों में मोहब्त थी सदा,
आज बारूदों से टूटी हर दुआ,
जो आए हैं यहाँ नफ़रत का सौदा लेके,
वो लौटेंगे खाली, ये है हर भारतीयों का वादा ||
बर्फ़ की चादर भी जल उठी है यहाँ,
फूलों की घाटी में ख़ौफ़ छिपा है यहाँ,
जो छीनना चाहे चैन कश्मीर का,
वो क्या जाने, शेरों का बसेरा है यहाँ |
पत्थरों से नहीं टूटते दिल कभी,
यहाँ अपनों ने दगा किया है ,
आतंक का जो धागा बुना है तूने,
तू खुद उलझेगा देख अभी ||
आपको हमारी ये आंतकवाद के खिलाफ शायरी पढ़कर अच्छा लगा होगा , आप आंतकवाद के खिलाफ अपनी आवाज को उठए हमारी इन शायरी के माध्यम से और इसे वैश्विक मुदा बनाकर ,सभी देशो को एक जुट होकर बाँटकवाद के खिलाफ सकती से काम क्र इसे जड़ से ख़त्म करना चाहिए ये मानवत के खिलाफ है , आप भी इस क्रांति का हिंसा बने और लोगो को हमारी आंकवाद 2 लाइन शायरी के माध्यम से जागरूक करे , अगर आप अन्य हिंदी शायरी के शौकीन है जैसे - 26 जनवरी शायरी , 15 अगस्त शायरी , कारगिल दिवस शायरी जैसी अनेक हिंदी दो लाइन शायरी तो हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहे